दत्ताखेत-राजपथ का पड़ाव
अरुण कुकसाल शताब्दी पूर्व गढ़वाल-कुमांयू राजपथ का प्रमुख पड़ाव दत्ताखेत कभी था गुलजार था आज वीरान है. (more…)
अरुण कुकसाल शताब्दी पूर्व गढ़वाल-कुमांयू राजपथ का प्रमुख पड़ाव दत्ताखेत कभी था गुलजार था आज वीरान है. (more…)
अरुण कुकसाल देर रात तक तल्ली-मल्ली चामी से हारमोनियम और ढोलक की आवाज हम बच्चों को सुनाई देती रहती। (more…)
चारू तिवारी यह आदमी कैसे चार्टड अकाउंटेंट बन गया मेरी समझ में नहीं आता। हिसाब-किताब के क्षेत्र में तो थोड़ा...
वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली कभी - कभी बच्चों से मन के लडडू का खेल खेला जाता था। खिलाने वाला उनसे कहता...
एल मोहन कोठियाल चकबन्दी आन्दोलन 4 दशक से जारी है। चकबन्दी से यहां के गावों को बसाया जा सकता है...
अरुण कुकसाल फरवरी, 2007 की 26 तारीख है । सायं के 5.45 बजे हैं। मैं शिक्षा निदेशालय, देहरादून में हूं।...
मनोज रावत चमोली जिले का एक कस्बा है गौचर। हर साल नवंबर में होने वाले मेले और मैदान के लिए...
महावीर सिंह जगवान सृष्टि मे जीवन का आधार जल है,जल ही जीवन है, भविष्य के संदर्भ मे सबसे बड़ी अदृष्य...
एल. मोहन कोठियाल 1993 में जब तुम्हारे मरने की गलत खबर छपी छपी थी तो दसियों जगह श्रद्धांजली सभायें हुई...
ब्यूरो एनडीटीवी के एडिटर रवीश कुमार ने शनिवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शिरकत की वहां उन्होंने हिंदी...
अरुण खुगशाल कवि मित्र कपिलेश भोज को आज जन्मदिन की बधाई और शुभ-कामनाओं के साथ उनके अब तक प्रकाशित दो कविता संग्रहों...
महावीर सिंह जगवान बचपन मे जंगलो से बेइन्तहा मुहब्बत थी, मुझे आज भी याद आठ दस साल की उम्र मे...
देवेश जोशी सर्वाधिक विकसित मस्तिष्क वाले वैज्ञानिक आइंस्टीन को कुछ किशोरों ने एक दिन छेड़ा कि क्या आप हमें भी...
चारू तिवारी हमारे नीति-नियंताओं में इतनी समझ नहीं है कि वे अपनी आसपास की प्रतिभाओं को पहचान सकें। (more…)
चारू तिवारी जब पहाड़ को व्यापक दृष्टि से समझने की बात आती है तो कुछ नाम और साथी ऐसे हैं...
चारू तिवारी अभी कुछ आगे बढ़ रहा था कि कुछ आवाजें आने लगी। लगा कि कोई टोक रहा है। (more…)
चारू तिवारी आइये! इस युवा शक्ति को पहचानें (more…)
चारू तिवारी जब हम सामाजिक, राजनीतिक, साहित्यिक वैचारिक स्तर पर युवाओं को देखते हैं तो एक नाम अनायास हमारे सामने...
ब्यूरो हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर में उत्तराँचल उत्थान परिषद् (more…)
वीरेन्द्र पँवारउपयोगी दस्तावेज है ' गढ़वाली के अभिलेखों की रूप रचना ' (more…)