पर्यावरणीय शिक्षा
हेमा उनियाल जब हम उस परम शक्ति के करीब होते हैं तो उस धरा, प्रकृति के भी उतने ही अन्तरंग...
हेमा उनियाल जब हम उस परम शक्ति के करीब होते हैं तो उस धरा, प्रकृति के भी उतने ही अन्तरंग...
रमेश पाण्डेय शायद 1988 की बात होगी उन दिनों गांव में सरकारी ऋणों का खूब हल्ला-गुल्ला था। (more…)
महावीर सिंह जगवाण दिखावट और बनावट की उलझनो ने मानव को वैचारिक रूप से ऐसे चौराहे पर खड़ा कर दिया...
चंद्रशेखर तिवारी पहाड़ के परिवेश पर केंद्रित 'ललिता' मानवीय संवेदनाओं से भरपूर एक पठनीय उपन्यास है। (more…)
महावीर सिंह जगवान बात लगभग 1987 के आस पास की होगी हम पाँचवीं के विद्यार्थी थे। (more…)
अविकल थपलियाल नाम - आरुषि नौटियाल, उम्र - 10 साल, क्लास - 4th, स्कूल - सरस्वती शिशु मंदिर, घंडियाल, पौड़ी...
चंद्रशेखर तिवारी "रिद्धि को सुमिरों सिद्धि को सुमिरों" (more…)
महावीर सिंह जगवान बन बनाये रास्तों पर बढना तो आसां होता है। (more…)
डॉ० सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी कवितायेँ कवि के मन की उदगार होती हैं, जिनके द्वारा उसका व्यक्तित्व पूर्ण रूप से परिलक्षित...
महावीर सिंह जगवान पूरे विश्व मे महात्मा गाँधी की प्रासिंकता बढी है जिसमे उनका यह सूत्र सार गर्भित है हिंसा,...
नवीन डिमरी ‘बादल’ डॉ० उमेश चमोला उत्तराखण्ड के साहित्यकारों में कोई अपरिचित नाम नहीं है| (more…)
रमाकांत बेंजवाल 'झिक्कल काम्ची उडायली' प्रो० उमा भट्ट और प्रो० चन्द्रकला रावत के संपादन में उत्तराखंड की भाषाओं का व्यावहारिक...
अरुण कुकसाल मिट्टी, पानी और बयार, ये हैं जीवन के आधार (more…)
महावीर सिंह जगवान राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुये (more…)
हेमा उनियाल देश प्रेम और हृदयगम्य भावनाओं का प्रस्फुटन है ‘उमाळ’ खंडकाव्य. (more…)
जगमोहन रौतेला चर्चित अभिनेता, लेखक और पद्मश्री टॉम ऑल्टर का 67 साल की उम्र में कल 29 सितम्बर 2017 को...
महावीर सिंह जगवाण महिन्द्रा मैक्स से सफर मे गुफ्तगू, कुछ दिन पहले रूद्रप्रयाग से दून के सफर मे कुछ पढे...
अरुण कुकसाल हरिया तेरो गात, पिंगंली तूरी ठून, लला तेरी आंखीं,नजर तेरी बांकी (more…)
अरुण कुकसाल कुछ अच्छी बातें सिर्फ गरीबी में ही विकसित होती हैं. (more…)
अरुण कुकसाल रुद्रनाथ यात्रा, 1-3 सितम्बर, 2017 ‘कि, रौंतों क बल्द लमड़िन, बल, अपणि खुशिल’ (more…)
संदीप गुसाईं बस मंत्रमुग्ध होकर निहारतेे रहे नंदीकुंड (16500 feet) का अद्वितीय सौन्दर्य यह अंतिम और चौथा पड़ाव था. (more…)