चेतना के स्वर
अरुण कुकसाल कुछ अच्छी बातें सिर्फ गरीबी में ही विकसित होती हैं. (more…)
अरुण कुकसाल कुछ अच्छी बातें सिर्फ गरीबी में ही विकसित होती हैं. (more…)
अरुण कुकसाल रुद्रनाथ यात्रा, 1-3 सितम्बर, 2017 ‘कि, रौंतों क बल्द लमड़िन, बल, अपणि खुशिल’ (more…)
संदीप गुसाईं बस मंत्रमुग्ध होकर निहारतेे रहे नंदीकुंड (16500 feet) का अद्वितीय सौन्दर्य यह अंतिम और चौथा पड़ाव था. (more…)
संदीप गुसाईं नंदीकुंड ट्रैक-तीसरा पड़ाव वैतरणी (14500 feet) मनपाई बुग्याल तक के सफर का रोमांच आप पहले ही पढ चुके है। (more…)
संदीप गुसाईं ये है वंशीनारायण मंदिर जहां साल में मात्र एक दिन रक्षाबंधन को पूजा होती है। (more…)
महावीर सिंह जगवान प्राथमिक शिक्षा से लेकर शिक्षा के उच्च संस्थानों की उत्पादकता का एक ही पैमाना है (more…)
अरुण कुकसाल अब कहां वो ‘तिक्खी मिर्च अर तगड़ बल्द’ विख्यात साहित्यकार स्वर्गीय विद्यासागर नौटियाल ने हिमालय और उसके निवासियों पर...
जगमोहन रौतेला आजकल तो भाबर में अब शहर तो छोड़िए गॉव-गॉव बिजली की चमक पहुँच गयी है. (more…)
चंदन सिंह नेगी बढते प्रदूषण से हमारा स्वास्थ्य खतरे की ओर बढ रहा है. (more…)
महावीर सिंह जगवान दशकों से एक चर्चा है, पहाड़ की जवानी और पानी पहाड़ के काम नही आता। (more…)
महावीर सिंह जगवान हिमालय की गोद मे बसा मेरा गाँव विश्व मे अद्वितीय आकर्षक जीवन्त अनन्त सुकून और बेफिक्री की...
शूरवीर रावत श्री चन्दन सिंह नेगी के कविता संग्रह ‘पेड़ पर ठहरी सांसें’ के विमोचन के अवसर पर (more…)
महावीर सिंह जगवान प्रकृति ने सम्पूर्ण भारत को सम्मपन्न जैवविवधता और प्रकृति प्रदत्त खजानों के तोहफे दिये हैं, ताकि भारत...
समीक्षक – डॉ नागेन्द्र जगूड़ी नीलाम्बरम गढ़वाली में डॉ उमेश चमोला का उदंकार मैं यह कहने की गुस्ताखी नहीं करूँगा कि...
समीक्षक – डॉ० नागेन्द्र ध्यानी यह बालसाहित्य की एक अप्रितम कृति है | बालसाहित्य के प्रति भारतीय प्राचीनकाल से ही...
अरुण कुकसाल द्धी हजार आठ भादों का मास, सतपुली मोटर बोगीन खास,हे पापी नयार कमायें त्वैकू, मंगसीरा मैना ब्यो छायो...
महावीर सिंह जगवान गणेशशंकर विद्यार्थी के शब्दों मे "पहाड़ी दृष्य की निर्जनतायुक्त विशालता शुष्क हृदय तक मे कविता का श्रोत...
महावीर सिंह जगवान इक्कीसवीं सदी के भारत का हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सुविधाऔं की उपलब्ध लचर ब्यवस्था पर हाँफता हुआ...
अरुण कुकसाल वैद्य पोखरियाल बंधुओं जैसे हिमालयी हौसलों से बचेगा हिमालय बाकी सब तो बस, कहने और सुननेे की बातें...
पंकज सिंह महर हमारे देश में साफ-सफाई इतना बड़ा मुद्दा नहीं है,जितना बड़ा मुद्दा कूडे के निस्तारण का है, (more…)