उत्पादन तकनीक से किसानों की बंपर आय
कार्यालय
फ्रैचबीन की उन्नत किस्म एवं उत्पादन तकनीक से किसानों की बंपर आय हिमालयन एक्शन रिसर्च सेन्टर एवं एच0डी0एफ0सी0 बैंक के संयुक्त प्रयासों से यमुना वैली के नौगांव एवं धारी कफनौल घाटी में आजीविका संवर्धन हेतु कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में परियोजना के तहत उन्नत किस्म के फैंचबीन का प्रदर्शन 400 सीमांत किसानों के साथ किया गया, हालाकि नकदी फसल उत्पादन इस क्षेत्र में कोई नई बात नही है, लेकिन बदलते परिवेश में उत्पादन की उन्नत वैज्ञानिक तकनीक, उन्नत बीज एवं कृषि क्रियाओं को किसानो के मध्य हस्तांतरित करना आज भी उतना ही आवश्यक है जैसे की पूर्व में था।
इस हेतु हार्क द्वारा कृषि में अभिनव अनुप्रयोग कर फसल की प्रति इकाई उत्पादकता में वृद्वि, बेहतर तकनीक का प्रसार कर किसानों के उत्पादन एवं आय में गुणात्मक वृद्वि करना परियोजना के सफल सूचक में निहित किया गया। इस क्रम में हार्क द्वारा नौगांव ब्लॉक के तहत घाटी के 400 किसानों के साथ क्लाईमेट रेजिलेन्स् एवं बाजारोनोमुखी फ्रेचबीन का प्रदर्शन अप्रैल माह में किया गया। प्रदर्शन के सफल परिणाम अब देखने को मिलने लगे है। मंजियाली गांव निवासी, बलबीर सिंह चौहान बताते हैं परियोजना के सहयोग से मैंने 3 नाली जमीन में 3 किग्रा बीज की बुआई की। बुआई की सही तकनीक, फसल में समन्वित पोषण, कीट एवं खरपतवार प्रबंधन की उन्नत एवं व्यवहारिक जानकारी समय-समय पर हमें हार्क के विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई, इसी का प्रतिफल है कि मेरे द्वारा मात्र 3 नाली में फसल की 5 तुड़ाई कर अब तक 600 किग्रा बीन को औसतन 60 से 70 रूपए की दर से बाजार में बेचकर 36,000 रू0 की आय प्राप्त की है, साथ ही अभी फसल की एक-दो तुडाई अभी शेष है, मुझे नही लगता कि मात्र 80 दिन के फसल चक्र में मैने अब तक किसी अन्य फसल से इतनी आय प्राप्त की हो।
बलबीर जी की तरह परियोजना में आच्छादित सैकड़ो किसान क्षेत्र में हैं जो फसल के सफल परिणाम एवं हो रही आय से खासे उत्साहित है। हार्क का मानना है कि 60 से 80 दिन की अवधि की इस फसल से 400 किसानों द्वारा औसतन 240 मिट्रिक टन फ्रेचबीन का उत्पादन किया जाएगा जिससे क्षेत्र में लगभग 1.5 करोड़ की आर्थिकी सृजित होगी। निश्चित रूप से यह हस्तक्षेप परियोजना के सफल एवं लाभप्रद मॉडल को क्षेत्र में प्रदर्शित करेगा जो अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायी साबित होगा।