आवारगी – 4 – फतेह पर्वत की ओर
विजय भट्ट सुबह का वक्त है। सूर्योदय होने वाला है। आज आसमान साफ नीले रंग का दिखाई दे रहा है।...
विजय भट्ट सुबह का वक्त है। सूर्योदय होने वाला है। आज आसमान साफ नीले रंग का दिखाई दे रहा है।...
विजय भट्ट बात साल 1987 की है। पीठ पर लदे पिट्ठु में अपनी जरूरत का सामान बांधे भारत की जनवादी...