“पितृकुड़ा” – स्थानीय कथानक फिल्मों का नया दौर शुरू
जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ पिछले साल से उत्तराखंडी फिल्मों का एक नया दौर शुरू हुआ है, खासकर गढ़वाली फ़िल्में जो कभी...
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गजेन्द्र रौतेला हमारे युवा शानदार इतिहास रच रहे हैं।हम सब गौरवान्वित हैं। फिल्म को मिला अवार्ड. बहादुर - द ब्रेव''...
गोपाल सिंह थापा आज ही के दिन 4 मई 1983 को छेत्रीय फिल्मों की श्रंखला में उत्तराखण्डी फिल्म जगवाल (Jagwal)...