वैद्य राजाराम पोखरियाल
अरुण कुकसाल वैद्य पोखरियाल बंधुओं जैसे हिमालयी हौसलों से बचेगा हिमालय बाकी सब तो बस, कहने और सुननेे की बातें...
अरुण कुकसाल वैद्य पोखरियाल बंधुओं जैसे हिमालयी हौसलों से बचेगा हिमालय बाकी सब तो बस, कहने और सुननेे की बातें...
पंकज सिंह महर हमारे देश में साफ-सफाई इतना बड़ा मुद्दा नहीं है,जितना बड़ा मुद्दा कूडे के निस्तारण का है, (more…)
Dr. M. C. Sati The Himalayan region is bestowed with a variety of ecosystems, large forest cover, and rich floral...
महावीर सिंह जगवान पंकज महर आज सुबह जैसे ही न्यूज पेपर पढने के लिये उठाया फ्रंट पेज पर मोटी लाइनों...
बृज भूषण सिंह रावत बरसात का मौसम खत्म होने को है और हड़तालों का मौसम शुरू होने वाला है, (more…)
रमेश पांडेय स्वक्षता की समस्या का असल कारण क्या है। पहाड़ों से भी उचे ढेरों के रूप में तब्दील हो...
महावीर सिंह जगवान जन गण मन के भारत का मुकुट है हिमालय (more…)
ब्यूरो शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डाॅ कृष्ण कांत पाल ने प्रदेश के विद्यालयों...
मुकेश नौटियाल जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ के आलेखों की श्रृंखला की प्रस्तुत पुस्तक का शीर्षक ‘गैरसैंण’ भले उत्तराखण्ड की प्रस्तावित राजधानी...
महावीर सिंह जगवाण नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) की स्थापना 1 जनवरी 2015 को हुई। (more…)
जयप्रकाश पंवार 'जेपी'हिमालय सदियों से पूरी दुनियाॅ के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। (more…)
ब्यूरो राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पाल ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। (more…)
महावीर सिंह जगवान हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपद रूद्रप्रयाग मे जनपद सृजन के बाद पहली बार (more…)
रमेश पांडेय 'कृषक' जब बहुत छोटा था यानी चोरी की सुरूआत में मिश्री गुड़ या फिर कभी कभीर घर में...
जयप्रकाश पंवार 'जेपी' यह बात 1992 के आसपास की होगी, गोपेश्वर के ठीक सामने पहाड़ी की चोटी पर एक गांव...
जयप्रकाश पंवार 'जेपी' हिमालय भारत का भाल है। प्रकृति की इस अनमोल धरोहर के दर्शन के लिए देश दुनियां के...
जयप्रकाश पंवार 'जेपी' अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरन्त समझ में नहीं आते। उन्हें पढ़ना पड़ता है। (more…)
दीपा रावत पंवार मध्य हिमालय (उत्तराखंड) की कन्दराएं, पर्वत, घाटियां प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक शान्ति की स्थलियां है। (more…)
समीक्षक- डाॅ0 अचलानन्द जखमोला अप्रितम अभिव्यंजनाशक्ति, प्रभावोत्पादकता, संप्रेषणीयता, गेढ़ अर्थवता तथा अनेकार्थता को व्यक्त करने की अद्भुद क्षमता वाली गढ़वाली...
डाॅ. प्रीतम अपछ्यांण गढ़वाली भाषा के स्थापित साहित्यकार व इतिहासकार संदीप रावत की पुस्तक ‘लोक का बाना’ का अध्ययन करने...
ब्यूरो राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे हुए मेरे प्यारे देशवासियो, स्वतंत्रता के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आप...