Month: December 2017
रैबार से निकलते रैबार
वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली कहानी एक राज्य की है। (more…)
धूप सेकने पहाड़ आओ
डॉ वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल पहाड़ को ठंड का प्रतीक माना जाता है, पर सर्दियों में पहाड़ मैदान से गर्म होते...
आज सड़कों पर
दुष्यंत कुमार (more…)
मिट्टी को कौन बचायेगा
महावीर सिंह जगवाण हमारा गाँव खेत खलिहान मंदाकिनी के पावन छोर पर है. (more…)
डाॅ. गोविंद चातक साहित्य के शिखर
अरुण कुकसाल ‘मछेरा जाल लपेटने ही वाला है’ (more…)
फागूदास की डायरी
देवेश जोशी फागूदास की डायरी अनमोल है। (more…)
मै उत्तराखण्ड हूँ
महावीर सिंह जगवान मै उत्तराखण्ड हूँ, जिस हिमालय को सम्पूर्ण भारत मुकुट कहता है वह मेरा ही अंश है. (more…)
प्रेमा चाची का मिशन
पंकज सिंह महर कहते हैं, अपना घर दूर से ही देखा और समझा जाता है, (more…)
भूकंप कारण और निवारण
महावीर सिंह जगवान हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड के पर्वतीय भू भाग जो हिस्सा है उत्तराखण्ड का तीन चौथाई औसतन पूरा क्षेत्र...
रोजगारपरक हो शिक्षा
महावीर सिंह जगवान क्या कोई इनकी पाती लेकर सरकार को पहुचाएगा। (more…)
श्रम से रुकेगा पलायन
महावीर सिंह जगवान सुबह के नौ बज रहे थे, घर से निकलते ही मन्दिर के सामने इस परिवार को देखकर...
Resilient Hindu Kush Himalaya Conference Begins
Bureau Four hundred experts from around the world are taking part in the international conference (more…)
भूखे को भोजन – अंकित का अभियान
महावीर सिंह जगवान मुझे आज एक अट्ठासी वर्ष के वृद्ध मिले, दिखने और बूझने में सम्मपन्नता और आरोग्यता प्रदर्शित हो...
पहाड़, नदियाँ और बादल
लोकेश नवानी पहाड़ / सह सकते हैं जब तक / कुछ नहीं कहते, मगर वे गैरजरूरी सिर पर च ढे...
यह जो वक्त है
अरुण कुकसाल 'यह जो वक्त है' वक्त पर लिखी इबारत. (more…)
पीतल के गिलास में चाय
सूरबीर रावत परम्परा को जीवित रखे हैं नेगी जी। देहरादून शहर से उत्तर-पूरब में मात्र दस किलोमीटर दूरी पर स्थित...