यात्रा मध्यमहेश्वर – 03 (यात्रा विराम)
अरुण कुकसाल सब कुछ खोने के बाद भी जीवन रुकता नहीं, 14 जुलाई, 2018, कनू चट्टी से चलते हुए किसी को भी...
अरुण कुकसाल सब कुछ खोने के बाद भी जीवन रुकता नहीं, 14 जुलाई, 2018, कनू चट्टी से चलते हुए किसी को भी...
अरुण कुकसाल ‘इस समय बज रहे हैं बारह, घड़ी में भी और हमारे मुंह पर भी’ 14 जुलाई, 2018, ‘भाई, यह मकान...
अरुण कुकसाल ‘वन, टू, थ्री, तुम भी फ्री, हम भी फ्री, इसलिए चलो. (more…)
गजेन्द्र रौतेला पढ़ने लिखने की संस्कृति के बहाने A Bike Ride वाया अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग (9:45 AM) - गैरसैंण - भिकियासैंण -...
चारू तिवारी ‘चाख’ हमारी चेतना की चैपाल है। ‘चाख’ से हमने बहुत कुछ सीखा। ‘इगदरी’ (खिड़की) से आने वाली सूर्य...
अरुण कुकसाल गढ़वाल-कुमाऊं की साझी विरासत है 'दोसान्त' इलाका, सड़क किनारे ‘समैया’ लिखा बोर्ड देखा तो सचमुच ‘मैय्या’ याद आ गई।...
अरुण कुकसाल यादें तो यादें है, उनका क्या, वो तो आयेंगी ही, सुभाष चौक के पास बनी पार्किंग की ओर...
अरुण कुकसाल गगास छिन आकाश, छिन पाताल, 26 मार्च, 2018 रानीखेत से श्रीनगर जाने के लिए भोर में ही निकल पड़े...
Staff Reporter The Himalayan tahr (Hemitragus jemlahicus) is a large even-toed ungulate native to the Himalayas in southern Tibet, northern Pakistan, northern India and Nepal. (more…)
कल्याण सिंह रावत 'मैती' देहरादून से गंगा घाटी उत्तरकाशी जाने का एक खूबसूरत मार्ग सुवाखोली से मोरान्या टाप होकर गुजरता...
कल्याण सिंह रावत उत्तरकाशी की भागीरथी घाटी में स्थित हरसिल में जब एक अंग्रेज आर्कटेक्ट घुमने आया तो यहाँ की...
सौजन्य से - अरुण खुगशाल एक गढ़वाली योद्धा, ७२ घंटे और ३०० चीनी सैनिक. (more…)
प्रेम बहुखंडी कल लोहड़ी के शुभ अवसर पर मैंने अपनी ईश्वर की खोज के लिये यात्रा शुरू की। (more…)
सत्या रावत इस वर्ष का समापन अपने परिवार के साथ एक संक्षिप्त लेकिन अर्थपूर्ण और शानदार यात्रा के साथ किया...
चंद्रशेखर तिवारी मुख्य दीपावली के ग्यारह दिन पश्चात पहाड़ खासकर कुमाऊं अंचल में बूढ़ी दीपावली (जिसे हरिबोधनी एकादशी भी कहते...
सत्या रावत आज फिर कुछ समय निकालकर एक छोटे से ट्रेक पर जाना हुआ। (more…)
व्योमेश जुगरान खतलिंग में हम उस पर्वत की गोद में थे जो गंगी से ही लगातार हमें लुभा रहा था।...
व्योमेश जुगरान गंगी से सुबह जल्द चले। अगला पड़ाव खरसोली यहां से करीब 10 किमी के फासले पर है। यह...
व्योमेश जुगरान पहाड़ में धान कटाई का मौसम है। भिलंगना घाटी, टेहरी के इन खेतों /सेरों में भांति भांति के...
अरुण कुकसाल यहां के जंगलों में रिक्ख होते हैं और रिक्ख बाघ से भी खतरनाक होता है. (more…)
अरुण कुकसाल सै (सच) बोलूं भै (भाई) साब, आज का आदमी अपने अंदर ही दुबक गया है, पनार बुग्याल के...