कुमाऊं – खड़ी बोली का साहित्य
चंद्रशेखर तिवारी कुमाऊं अंचल में हिंदी की खड़ी बोली में साहित्य की परंपरा लम्बे समय तक मौखिक रही। (more…)
चंद्रशेखर तिवारी कुमाऊं अंचल में हिंदी की खड़ी बोली में साहित्य की परंपरा लम्बे समय तक मौखिक रही। (more…)
चैनल माउंटेन डॉट कॉम चैनल माउंटेन डॉट कॉम, डॉट ओआरजी, डॉट इन की परिकल्पना वरिष्ठ पत्रकार व लेख़क जयप्रकाश पंवार 'जे.पी.' ने...
महावीर सिंह जगवान मानव के दोनो कानो के मध्य स्थित डेढ किलो के मस्तिष्क से ही हर सवालों के समाधान...
जगमोहन सिंह जयाड़ा 'जिग्यांसू' 1970 के लगभग की बात है, हमारे गांव के चाचा बोडा जी बग्वाळ पर दिल्ली चंडीगढ़...
रमेश पाण्डेय कहानी के इस शीर्षक को पढ़कर जरूर मन में प्रश्न कौंध रहा होगा कि भद्याव में छांसी जौ,...
सत्या रावत उत्तराखंड सरकार द्वारा घोषित किये गए "ट्रेक ऑफ द ईयर 2017" चाइन्शील बुग्याल में 1 अक्टूबर से 7...
महावीर सिंह जगवान सुकून भरी वादियों मे हर दिन की तरह प्रात: होते ही नाना प्रकार के पच्छियों का मधुर...
हेम गैरोला घनश्याम दास बिड़ला, ये नाम पिछले 40 वर्षों से मेरी मन - चेतना में एक ख़ास स्थान रखता...
रमेश पाण्डेय कभी देश के समाचार चैनलों से बाहर निकल कर देश दुनियां की खबर भी ली ही जानी चाहिये।...
हेमा उनियाल जब हम उस परम शक्ति के करीब होते हैं तो उस धरा, प्रकृति के भी उतने ही अन्तरंग...
रमेश पाण्डेय शायद 1988 की बात होगी उन दिनों गांव में सरकारी ऋणों का खूब हल्ला-गुल्ला था। (more…)
महावीर सिंह जगवाण दिखावट और बनावट की उलझनो ने मानव को वैचारिक रूप से ऐसे चौराहे पर खड़ा कर दिया...
चंद्रशेखर तिवारी पहाड़ के परिवेश पर केंद्रित 'ललिता' मानवीय संवेदनाओं से भरपूर एक पठनीय उपन्यास है। (more…)
महावीर सिंह जगवान बात लगभग 1987 के आस पास की होगी हम पाँचवीं के विद्यार्थी थे। (more…)
अविकल थपलियाल नाम - आरुषि नौटियाल, उम्र - 10 साल, क्लास - 4th, स्कूल - सरस्वती शिशु मंदिर, घंडियाल, पौड़ी...
चंद्रशेखर तिवारी "रिद्धि को सुमिरों सिद्धि को सुमिरों" (more…)
महावीर सिंह जगवान बन बनाये रास्तों पर बढना तो आसां होता है। (more…)
डॉ० सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी कवितायेँ कवि के मन की उदगार होती हैं, जिनके द्वारा उसका व्यक्तित्व पूर्ण रूप से परिलक्षित...
महावीर सिंह जगवान पूरे विश्व मे महात्मा गाँधी की प्रासिंकता बढी है जिसमे उनका यह सूत्र सार गर्भित है हिंसा,...
नवीन डिमरी ‘बादल’ डॉ० उमेश चमोला उत्तराखण्ड के साहित्यकारों में कोई अपरिचित नाम नहीं है| (more…)
रमाकांत बेंजवाल 'झिक्कल काम्ची उडायली' प्रो० उमा भट्ट और प्रो० चन्द्रकला रावत के संपादन में उत्तराखंड की भाषाओं का व्यावहारिक...