November 24, 2024



चम्पावत का नरभक्षी

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कल्याण सिंह रावत 


चम्पावत के गौड़ी गाँव में 1905-06 के दौरान एक मादा नर भक्षि बाघ ने 150 लोगों को अपना निवाला बनाया था।


गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार इस बाघिन ने चम्पावत के नेपाल से लगे क्षेत्र में स्थित मंच तामली, करी, चूका, टाक, बुधम, कोट, पालि सहित दर्जनों गाँव में 436 लोगों को अपना शिकार बनाया था। इस बाघिन से निजात दिलाने के लिए मशहूर शिकारी जिम कार्बेट को बुलाया गया था। जिम कार्बेट ने मंच कलढुंगा डाक बंगले में डेरा डालकर रोज 25 – 30 की मी पैदल चलकर इन गाओं का भ्रमण किया लेकिन बाघिन हाथ नहीं लगी। पता लगा कि बाघ महिलाओं को ज्यादा निवाला बना रहा है तो कार्बेट ने महिला का भेष बना कर खेतों में महिलाओं के साथ काम करना शुरू कर दिया। अन्तत: 1907 को बधिन कार्बेट के हाथों मारी गई।


25 जुलाई 1875 को इस महान शिकारी जिम कार्बेट का जन्म नैनीताल में हुवा था। आज उनका जन्म दिन है। कार्बेट ने गढ़वाल तथा कुमाऊ के नरभक्षी बाघों से जनता को राहत दिलाई थी। वह प्रकृति प्रेमी व बन्य जीवो का संरक्षक था। कार्बेट का निधन 19 अप्रैल 1955 में हुवा था। कई पार्को व स्थानों का नाम कार्बेट की याद में रखा गया है लेकिन अफ्शोश होता है कि चम्पावत के गौड़ी गाँव क्षेत्र में जहाँ सबसे खतरनाक बाघिन को जिम कार्बेट ने बड़ी कठिनाई से मार कर लोगों को जीवन प्रदान किया था वहां कार्बेट की याद में एक पत्थर तक कहीं नहीं लगा है यहाँ तक कि पुरे चम्पावत जिले में कही भी कार्बेट का कोई स्मारक तक नहीं है। मुझे लगता है कि कलदूंगी बंगले का नाम कार्बेट के नाम पर रखा जाना उचित होगा। यही उनके लिए सच्ची श्रधांजलि होगी। क्योंकि इसी बंगले में रह कर बाघिन को मारने का खाका कार्बेट ने बनाया था।