केदारनाथ जी को सँवारेंगे स्थानीय पत्थर
कल्याण सिंह रावत
केदारनाथ जी को सँवारने में स्थानीय पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जनपद रुद्रप्रयाग के बड़ेथ गावं मैं माननीय बिधायक जी के सहयोग से पत्थर काटने की मशीन स्थापित की गई है।
स्थानीय कलाकारों तथा राजमिश्त्रियों को पत्थर तराशने का रोजगार दिया गया है। ये पत्थर केदार नाथ पहुंचाकर आँगन बनाया जा रहा है। 3 इंच मोटे इन पत्थरों को पहाड़ी शैली में जोड़ा जा रहा है। केदारनाथ में भी डेढ़ हजार मिश्त्री और मजदूर कार्य कर रहे हैं। अब मंदिर तक जाने का रास्ता 12 फीट चौड़ा बन रहा है जिस पर बड़ेथ गाँव के तरासे गए कटुए पत्थर लगाये जा रहे हैं। ये पत्थर इतनी कुशलता से तरास कर लगाये जा रहे हैं कि पूरा आँगन एक ही पत्थर का बना प्रतीत हो रहा है। प्रतिकूल मौसम के बाबजूद कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। लकड़ी के कारीगर उत्तरकाशी और हिमाचल से आये हैं जो पहाड़ी शैली मै शानदार नक्काशी कर रहे हैं। अब मंदिर तक सैकड़ो लोग एक साथ जा सकते हैं। इस कार्य में निम के प्रयास तारीफ योग्य हैं। इंजिनियर महेश ने बताया की पुरे केदारनाथ का मास्टर प्लान बनाया गया है उसी के अनुरूप कार्य प्रगति पर है। केदारनाथ में एस डी एम श्री गोपाल सिंह चौहान जी ने बताया कि मंदिर के पीछे ब्रह्म बाटिका बनाई जा रही है जहाँ आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि भी बनाई जा रही है। श्री चौहान जी बड़ी मेहनत कर रहे हैं। निम् द्वारा मंदिर परिसर के चारों ओर मजबूत आकर्षक सुरक्षा दीवार बनाई गई है। मैंने भी कुशल राज मिश्त्रियो के साथ भगवान केदारनाथ जी के आँगन में एक पत्थर लगाया। मिश्त्रियों को मैंने उपहार भी दिए। यदि सब ठीक ठाक चला तो केदारनाथ जी का मंदिर सबसे सुन्दर होगा। इस कार्य के लिए माननीय बिधायक श्री मनोज रावत जी कार्य पर लगातार निगरानी रखे हुए है। जय केदारनाथ जी की।
फोटो सौजन्य – श्री कल्याण सिंह रावत जी (संस्थापक मैती आन्दोलन)