मार्तंड सूर्य मंदिर
जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’
मार्तंड सूर्य मंदिर जो पांडव लेडान के नाम से भी जाना जाता है उत्तर भारत के जम्मू – कश्मीर का आठवी शताब्दी का एक प्राचीन मंदिर समूह है. यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है. अब इसके केवल उजड़े अवशेष ही रह गए है लेकिन यह एक बहुत बड़ी पुरातात्विक महत्व का स्थल है. कहा जाता है कि तत्कालीन मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मीरी ने इसको ध्वंश किया था. अनंतनाग जनपद मुख्यालय से 5 किमी पर यह महत्वपूर्ण स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र आज भी बना है.
मार्तंड सूर्य मंडित का निर्माण करकोटा राजवंश की तीसरी पीड़ी के राजा ललितादित्य मुक्दापिदा ने करवाया था. इस मंदिर को एक पठार की चोटी पर बनाया गया था जहाँ से कश्मीर की सुन्दर घाटी के मनोरम दृश्य दीखते हैं. कहा जाता है की इस मंदिर का शिलान्यास सन 370 – 500 में राजा रानादित्य ने किया था लेकिन मंदिर का निर्माण सन 725 – 756 के मध्य पूर्ण किया गया. 220 फीट लम्बे व 142 फीट चौड़े स्थान में चारों ओर मंदिरों की सृन्खलाएं बनी थी जिसके अवशेष आज भी दिखते है पत्थरों पर सुन्दर मूर्तियाँ व चित्र अंकित किये गए थे.
मार्तंड का संस्कृत में अर्थ सूर्य ही होता है. भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने इसे रास्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया है. उत्तर भारत में मार्तंड सूर्य मंदिर जम्मू – कश्मीर, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा व पलेठी टेहरी गढ़वाल – उत्तराखंड में प्रसिद्ध मंदिर है. दक्षिण में कोणार्क का सूर्य मंदिर तो जग प्रसिद्ध तो है ही.
फोटो सौजन्य – सुनील बिष्ट