मेरा गाँव – मेरा तीर्थ
ब्यूरो
हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर में उत्तराँचल उत्थान परिषद्
द्वारा समग्र ग्राम विकास का मूल मंत्र है “मेरा गाँव – मेरा तीर्थ” विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय विचार गोष्टी में साढ़े चार सौ प्रमुख किसान, महिला स्वयं सहायता समूह, बुनकर, हस्तशिल्पी, सेवाभावी डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी व विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व शोध छात्रों ने भाग लिया| विचार गोष्टी में 50 से अधिक बुनियादी सुझाव व कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्याओं के निवारण पर प्रतिभागियों ने विस्तृत चर्चा की |
1 – विकास खंड को ग्रामीण विकास का आधार बनाया जाए व ग्राम विकास से जुड़े विभागों का आपस में समन्वय बना कर ग्राम विकास की कार्ययोजना बनाई जाए |
2 – गांव को केंद्र बिंदु बनाकर, कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, हस्त शिल्प, कुकुरपालन, प्रा० शिक्षा, प्रा० स्वास्थ्य, कुटीर उद्योग, ग्रामीण पर्यटन, लघु सिंचाई आदि की योजनाओं से किसानों को सुनोयोजित तरीके से लाभान्वित किया जाए |
3 – बाँध परियोजनाओं, दैवीय आपदा व डेंजर जोन के कारण विस्थापित होने वाले परिवारों को आबादी शून्य गावों में बसाया जाए |
4 – 10 वर्षों से अधिक समय से जिन खेतों में कृषि कार्य नहीं हो रहा है उन्हें गांव में रह रहे किसानों को दिया जाए जिससे उनके जोत क्षेत्र बढे व उनकी आय में वृद्धि हो | खेत कृषि उपयोग में आये व कृषि क्षेत्र का SGDP की वृद्धि में योगदान बढे |
5 – पर्वतीय क्षेत्रों में Drip Irrigation System विकसित किया जाए, गूलों के निर्माण के स्थान पर HDP Pipe का उपयोग, सीमेंट के वाटर टैंक के बजाय शिफोलिन शीट से वाटर टैंक निर्मित किये जाएं |
6 – प्रदेश के सभी जल स्रोतों का डाटा बेस तैयार किया जाए |
7 – संस्कृत भाषा को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ा जाए |
8 – कृषि को लाभप्रद बनाने के लिए कृषि को मनरेगा से जोड़ा जाए जिससे किसान को कम से कम उसके श्रम का मूल्य प्राप्त हो सके |
9 – गुणवत्ता युक्त नर्सरियाँ स्थापित की जाएं जिससे किसानों को समय से अच्छी पौध प्राप्त हो सके |
10 – दो – तीन वर्ष की समय सीमा के लिए जंगली सुअरों, बंदरों को मारने की अनुमति किसानों को दी जाए | बन्दर भी अन्य जीवों की तरह वन्य प्राणी है | एक जानवर की तुलना परम शक्तिशाली व विद्धवान हमारे आराध्य श्री हनुमान जी से करना गलत है |
11 – पर्वतीय जनपदों में IT हब बनाकर रोजगार सृजन कर बेरोजगार युवकों को रोजगार प्रदान करना |
कबीना मंत्री माननीय सतपाल महाराज ने प्रातः 10:30 बजे से सायं 5:15 तक पूरा समय वक्ताओं को सुना | उन्होंने कहा कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा संचालित 45 मंदिरों के द्वारा 500 गांवों के किसानों की आजीविका का संवर्धन किया जाएगा | मंदिर समिति व सम्बंधित विभागों व किसानों के सामूहिक प्रयास से एक कार्ययोजना विकसित की जाएगी | किसानों द्वारा उत्पादित फूल, तुलसी, सब्जियाँ, शहद, चोलाई, महिला समूहों द्वारा निर्मित रिंगाल की टोकरियों को मंदिर समिति खरीदेगी, उन्हें गांव के पास बाजार उपलब्ध कराकर उनका आर्थिक विकास करेगी | विचार गोष्ठी में 30 “Champions of Change” को डॉ० नित्यानंद कर्तव्यपरायणता सम्मान से सम्मानित किया गया | कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने की | विशिष्ट अतिथि सह प्रान्त प्रचारक देवेंद्र जी, डॉ० मोहनसिंह रावत गाँववासी, संस्था के अध्यक्ष प्रेम बड़ाकोटि, महामंत्री रामप्रकाश पैन्यूली, कार्यक्रम संयोजक मनोज नेगी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे |