सरकते लम्हों का अहसास
महावीर सिंह जगवान
सरकते लम्हों का अहसास करने के लिये घड़ी की सुइयाँ,
रात दिन, दिवस सप्ताह माह और वर्ष का प्रबन्धन करने वाली प्रकृति विद्वान वैज्ञानिक और चिरपरिचित अपरिचित सुधी मित्रों का आभार आपके स्नैहयुक्त शुभकामनाऔं से 2017 का प्रवास आनंदित हर्षित और यादगार गुजरा, हर वर्ष से बढकर इस वर्ष की विदायी कुछ नई प्रतिभाऔं, अनुभवों, प्रयोगों और अविस्मरणीय लम्हों के साथ मीठी और कड़वी यादों के बेजोड़ स्वाद के संग गुजरी। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है आँग्ल ही सही लेकिन आजादी के बाद भी सरकारी कामकाज से लेकर राष्ट्रीय परिदृष्य से लेकर स्थानिक पर्वों और गणना तक पैठ बना चुके कैलण्डर वर्ष 2018 का हर लम्हाँ आप सबको बहुत मुस्कान देगा, सफलता की अनवरत सीड़ी बनकर आपका साथ देगा, आपके विजन को बड़ा आयाम देगा, आपकी हर उस बड़ी से लेकर छोटी असहज टीस को सहजता मे बदलने का वर्ष बनेगा, आपके चिन्तन से स्व के संग समाज और राष्ट्र को उत्तकर्ष मिलगे, स्वयं से सामुदायिक एकत्व और सह असित्व के सृजन की ओर पग बढे, हमारे नन्हें मुन्नें बच्चे स्वछन्द पढते बढते हुये अपने सपनो को साकार करें, हम स्वयं की समृद्धि के साथ सामुदायिक हितों की भी रक्षा करें, पूरी दुनियाँ मे समृद्ध स्थलों की तरह हमारे मूल स्थान भी चमकें, बूँद बूँद से सागर भरता है नूतन वर्ष पर हम भी संकल्प लें स्वयं के हितों की रक्षा करते हुये समाज मे अपने स्तर पर छोटी छोटी ऐसी पहल करें जो समाज से आप अपेक्षा करते हैं, मानव प्रकृति की अनमोल और सर्वोत्तम रचना है इसलिये सबसे बड़ा दायित्व मानव का ही है वह उन सभी असहजताऔं का समाधान ढूँढे जिससे उसको और अन्यों को असहजता होती है, निश्चित रूप से हम सब मिलकर इस नूतन वर्ष को ऐतिहासिक यादगार सृजन का वर्ष बना सकते हैं। आयें मिलकर हम सभी नूतन वर्ष 2018 को अपने अपने स्तर पर विशिष्ट यादगार और प्रेरक वर्ष बनाने की भूमिका मे महत्ती योगदान दें, पुन:अंतस से शुभकामनायें।
भोजपत्र चित्रांकन – श्री. बी. मोहन नेगी जी