November 23, 2024



पहाड़, नदियाँ और बादल

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लोकेश नवानी 


पहाड़ / सह सकते हैं जब तक / कुछ नहीं कहते, 

मगर वे गैरजरूरी सिर पर च ढे जाने या.



संयोजन – बी. मोहन नेगी