विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी
कल्याण सिंह रावत
दुनिया के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब कोई राष्ट्राध्यक्ष एवं सम्राट
अपने राष्ट्रीय सभागार एवं पैलेस से बाहर ही नहीं बल्कि दुसरे मित्र देश के युद्ध के मैदान में स्वयं जा कर सारी परम्पराओं एवं प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए अपनी सेना के बहादुर सैनिक को अपने देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान को देने गया हो। यह सौभाग्य गढ़वाल रायफल के नायक दरवान सिंह नेगी को मिला है जिन्हें किंग जार्ज पंचम एवं महारानी मेरी ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपने मित्र राष्ट्र फ़ांस की युद्ध की धरती में जाकर इंग्लैंड के सर्वोच्च सैनिक सम्मान विक्टोरिया क्रॉस से उनकी वीरता, अद्म्य साहस व पराक्रम से प्रभावित होकर दिनांक 5 दिसम्बर 1914 को प्रदान किया।
किंग जार्ज पंचम ने जब उनसे कुछ मांगने को कहा तो वी सी दरवान सिंह ने दो चीजें मांगी। एक तो यह कि प्रथम विश्व युद्ध में शहीद गढ़वाली सैनिकों की स्मृति में कर्णप्रयाग में वार मेमोरियल एंग्लो वेर्नाकुलर मिडिल स्कूल खोलने तथा दूसरा हरिद्वार ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन निर्माण की मांग रखी। दोनों मांगे स्वीकार हुई। 26 अक्तूबर 1918 में एंग्लो वेर्निकुलर मिडिल स्कूल खुला। 1919 से 1924 तक वार मेमोरियल रेल लाइन का सर्वे भी पूरा हुवा।
5 दिसम्बर 1914 को वी सी साहब ने आजादी का एक छद्म युद्ध भी जीता शिक्षा की आजादी और विकास की आजादी की किरण अपने पिछड़े पहाड़ी क्षेत्र के लिए। यह आजादी की लड़ाई का दूसरा रूप है क्योंकि जब तक अशिक्षा रहेगी तब तक दासता और गुलामी की मानसिकता हट नहीं सकती। शिक्षा केद्वार खुल जाने से आजादी की जंग इस क्षेत्र में तेज हुई। वार मेमोरियल स्कूल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जन्म स्थली बन गई। शराब के बिरुद्ध पिकेटिंग, कुली, वारदाइस, के खिलाप ककोडाखल आन्दोलन, डोला पालकी आन्दोलन, गौचर कर्णप्रयाग व गैरसैण के राजनैतिक सम्मेलन, राष्ट्रीय नेताओं का आवागमन से तथा आजाद हिन्द फ़ौज में गढ़वालियों का वर्चस्व तथा सुभाष चन्द्र बोस के अङ्ग रक्षक इसी क्षेत्र से जाने जाते रहे हैं।
वार मेमोरियल शताब्दी समारोह समिति दिल्ली इकाई 5 दिसम्बर को राजधानी में वी सी दरवान सिंह नेगी सम्मान व विकास दिवस ब्यापक स्तर पर मना रही है। इस समारोह में भारतीय थल सेना अध्य्क्ष जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल, रक्षा समिति के अध्य्क्ष पूर्व मेजर जनरल श्री वी सी खंडूरी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री लोहनी जी आदि महत्वपूर्ण हस्तियाँ दिल्ली की आयोजन इकाई आमंत्रित कर रही है। दिल्ली से लौटे शताब्दी समारोह के केन्द्रीय महासचिव श्री भुवन नौटियाल ने बताया की राजधानी में भब्य आयोजन की तैयारी जोर शोर से चल रही है। केन्द्रीय अध्यक्ष बरिष्ट अधिबक्ता श्री हरीश पुजारी ने कहा है कि वी सी दरवान सिंह नेगी के अद्म्य साहस, शौर्य और वीरता को हम भूल गए थे। अब बक्त आ गया है कि शताब्दी समारोह में तन मन धन से योगदान देकर इसे यादगार बनाने को लोग आगे आयें।
लेखक शिक्षक, पर्यावरण विशेषज्ञ व मैती आन्दोलन के जनक हैं