मिस्र के मरुस्थल
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डॉ. महेश भट्ट
मिस्र के मरुस्थलीय ‘(Bedouin) बेडोइन’ या ‘बेडावी’ समुदाय से मिलने के लिए मरुस्थल में सफ़ारी में पहली बार क्वाड (चार पहिये वाली मोटरसाइकिल) चलाने का मौक़ा मिला और यक़ीन मानिए क़रीब क़रीब दस किलोमीटर जाना और दस किलोमीटर आना मैंने ख़ुद ही इसको चलाया, बेडोइन लोग यहाँ के मरुस्थल में रहने वाले सबसे पुराने बासिंदे हैं जो अपनी हॉस्पिटैलिटी के लिए जाने जाते हैं, ये मुझे मेरे गाइड ने बताया और जब मैंने इन्टरनेट पर सर्च किया तो पाया कि ये सही है और ये सेमी नौमैडिक (अर्धखानाबदोश) जीवन जीते हैं, हमने उनके साथ डिनर किया जो मुझे बहुत हद तक अपने भारतीय स्वाद जैसा लगा।
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लेखक वरिष्ठ चिकित्सक हैं