इतिहास के आख्यान
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मुकेश नौटियाल
इतिहास के आख्यान लोक में प्रचलित होकर समाज की आस्था को ही मज़बूत नहीं करते बल्कि ऐतिहासिक तथ्यों को रोमांचक भी बना छोड़ते हैं। साल 1971 के भारत -पाक युद्ध में पाक सेना के बरसाए गोले तनोट माता के मंदिर परिसर में गिरे पर फटे नहीं। इस मंदिर में तब सैकड़ों स्थानीय ग्रामीणों ने भारतीय सेना के संरक्षण में शरण ली थी। बाद में इस कारनामे की चर्चा समूचे जैसलमेर, फिर राजस्थान और अंततः भारत भर में हुई।
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सुदूर हिमालयी अंचल के मेरे एक फ़ौजी रिश्तेदार बचपन में हमको राजस्थान स्थित एक ऐसे मंदिर की कहानी सुनाते थे। आज मंदिर में गया तो तनोट माता की मूर्ति के साथ इन गोलों के दर्शन भी किए। यह मंदिर पाकिस्तान सीमा से 25 किलोमीटर पहले है और बी एस एफ के संरक्षण में है। तनोट माता बी एस एफ की कुलदेवी है।
वरिष्ठ लेखक और कहानीकार