साइकिल से द्वादश ज्योतिर्लिंग का सफर
संजय चौहान
साइकिल से द्वादश ज्योतिर्लिंग का सफर!- ‘सोमेश पंवार’ की साइकिल से 12 हजार किमी की हिमालय संदेश अमृत यात्रा..
है पंछियों के जैसे मेरे पंख नहीं तो क्या,
है बुलंद इरादा मेरे भीतर जो छिपा बैठा,
है मुझमे हिम्मत, है हौसला मुझमे,
अपने सपनो को पंख लगाकर मै भी हूँ उड़ सकता,
हौसलों की उड़ान भरकर,
छू लूँगा मै लक्ष्य रूपी आसमान,
सफलता मेरे कदम चूमेगी,
कदमों में होगा ये सारा जहां॥
जी हाँ कवयित्री मौसम कुमरावत की लिखी उक्त पंक्तियों को चरितार्थ करते हुये साइकिल से 12 हजार की हिमालय संदेश यात्रा पर निकले हैं उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के बामणी गांव (बद्रीनाथ)/ पांडुकेशर निवासी सोमेश पंवार। एक पहाडी का पहाड़ सा हौंसला और जिद ऐसी की साइकिल से 12 हजार का सफर तय करके पहाड, मैदान, नदियां और समंदर को नापने की तैयारी। अपनी इस यात्रा में ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के दर्शन करने के पश्चात आज सोमेश रूद्रप्रयाग से अलकनंदा और भागीरथी के संगम देवप्रयाग पहुंच चुके हैं।
ये हैं भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग!
भगवान शिव की साकार रूप में पूजा लिंग स्वरुप में सबसे ज्यादा होती है। जहाँ इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं उसको ज्योतिर्लिंग कहते हैं। कुल मिलाकर भगवान शिव के द्वादश (बारह) ज्योतिर्लिंग हैं- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घुश्मेश्वर। भगवान के अन्य लिंगों की पूजा की तुलना में ज्योतिर्लिंगों की पूजा करना अधिक उत्तम होता है। अगर नित्य प्रातः केवल इन शिवलिंगों के नाम का स्मरण किया जाय तो माना जाता है कि इससे सात जन्मों के पाप तक धुल जाते हैं।
हिमालय से समंदर तक एकसूत्र में पिरोने का उद्देश्य!
पहाड़ जैसा हौंसला लिये हिमालय का हिमदूत सोमेश पंवार एक नये अभियान की ओर निकल पडा है। 20 अक्टूबर 2022 को शुरू हुई सोमेश की द्वादश ज्योतिर्लिंग साइकिल यात्रा ने पहला पड़ाव पूरा कर लिया है। सोमेश ने ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के दर्शन करने के उपरांत अपने दूसरे पड़ाव के लिए निकल चुके हें। लगभग 5 महीने की इस यात्रा से सोमेश भारत के कई राज्यों से होकर गुजरेंगे और 12 हजार का सफर तय करेंगे। सोमेश इस यात्रा में सनातन धर्म, उत्तराखंड देव भूमि की कला संस्कृति, खानपान, उच्च हिमालय में पाए जाने वाले बुग्यालों के बारे में अवगत कराएंगे। उच्च हिमालय में पाई जाने वाली अनमोल जड़ी बूटियों, फूल जैसे ब्रह्म कमल, फेन कमल, नील कमल के बारे में जानकारी रखने वाले सोमेश भारत को हिमालय से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
सोमेश पंवार की साइकिल से अमृत यात्रा का जगह जगह पर हो रहा भव्य स्वागत!
बद्रीनाथ धाम से शुरू सोमेश पंवार का जगह जगह पर भव्य स्वागत किया जा रहा है। बद्रीनाथ धाम के पश्चात हनुमानचट्टी, पांडुकेशर, गोविन्द घाट, जोशीमठ, पीपलकोटी, गोपेश्वर, उखीमठ, गुप्तकाशी, गौरीकुंड, केदारनाथ, अगस्त्यमुनि, रूद्रप्रयाग, श्रीनगर, देवप्रयाग में लोगों द्वारा सोमेश पंवार का भव्य स्वागत किया। बकौल सोमेश वे लोगों के स्नेह, प्यार और स्वागत से अभिभूत हैं। लोगों का प्यार और स्नेह ही मेरी इस यात्रा में मेरी तकात है। भगवान बद्रीविशाल के आशीर्वाद और लोगों की दुवाओं से ही 12 हजार की ये यात्रा भी संपन्न हो जायेगी।
ये हैं सोमेश पंवार की साइकिल यात्रायें !
1- साइकिल से बद्रीनाथ-कन्याकुमारी तक 46 दिनों में 4033 किमी का सफर!
नवम्बर दिसम्बर 2020 में सोमेश नें 10 राज्य, पहाड, नदियाँ, मैदान, समुद्र पार करके साइकिल से 46 दिनों में 4033 किमी की यात्रा पूरी करके बद्रीनाथ से कन्याकुमारी की दूरी तय की थी। इस दौरान उन्होंने लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश दिया था।इस यात्रा में उन्होंने लोगों से कहा की साइक्लिंग को बढावा दिया जाना चाहिए ताकि फिटनेस बरकार रहे और लोग स्वस्थ रहें इससे साहसिक खेलों को भी बढावा मिलेगा।
2- साइकिल से 5 दिनों में 200 किमी की पंचबद्री की यात्रा!
सोमेश नें अप्रैल 2021 में साइकिल से पंच बदरी की यात्रा की और लोगों को नशा मुक्त भारत और स्वस्थ भारत का संदेश दिया। पंच बदरी की यात्रा साइकिल से करके सोमेश नें पंच बदरी को एक नयी पहचान भी दिलाई।
3- साइकिल से संतोपथ का सफर!
सोमेश पंवार नें जून 2021 में दुरूह-दुर्गम पहाड़ी रास्ते, बुग्याल, गाड-गदेरे, ग्लेशियरों को पार करके साइकिल से स्थित रहस्यमयी संतोपथ ताल तक का सफर पूरा किया था। बद्रीनाथ धाम से 28 और माण गांव से 25 किमी की दूरी पर स्थित है संतोपथ ताल। नीलकंठ और चौखम्बा की तलहटी में लगभग 15000 फीट की ऊँचाई पर है बेहद खूबसूरत सतोपंथ झील। सोमेश पंवार साइकिल से संतोपथ पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं। सोमेश की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ग्रीन हिमालय क्लीन हिमालय, पाल्यूशन फ्री इंडिया के साथ कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भारत के नागरिकों को जागरूक करना था
4 – संतोपथ के पवित्र जल को चारों धामों में ले जानें की अमृत यात्रा!
अक्टूबर 2021 में नशामुक्त भारत और स्वस्थ भारत का संदेश देते हुए सोमेश की ये अमृत यात्रा हिमालय से 8 हजार किमी का सफर तय करके चारो धामों बद्रीनाथ, द्वारिका, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम होते हुये कन्याकुमारी के विशाल समंदर में समाप्त हुई। अपनी इस यात्रा में सोमेश नें लोगों को हिमालय और हिमालय की लोकसंस्कृति, बोली भाषा रूबरू करवाया। सोमेश की इस अमृत यात्रा का उद्देश्य सतोपंथ सरोवर का दिव्य जल देश के कोने-कोने में स्थापित चारों धाम में ले जाकर कन्याकुमारी के विशाल समुद्र में जल को प्रभावित करना था। इसके अलावा संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का उद्देश्य था।
5- देवताल यात्रा!
सितंबर 2022 में दुनिया की दूसरी सबसे ऊँचाई पर स्थित सड़क मार्ग माणा पास / देवताल यात्रा 18499 फ़िट में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर साइकिल यात्रा।
लेख़क युवा चर्चित पत्रकार हैं.