शिक्षक की स्वास्थ्य पहल
ऍम पी एस बिष्ट
सुदूर पहाड़ी गावों में स्वास्थ्य सेवाओं का अकाल है वहीँ विस्वविध्यालय के एक प्रोफेसर डॉ ऍम पी एस बिष्ट की पहल एक आस जगाती है.
बिष्ट जी लिखते है, हाँ मित्रों कल योजना के अनुरूप सुदूर ग्रामीण अंचल में जहाँ कि स्वास्थ्य के नाम पर दूर दूर तक एक डाक्टर तो छोड़ो कम्पाउन्डर भी उपलब्ध नहीं होता, एक छोटा सा प्रयास देवभूमि संरक्षण समिति एवं मेरे मित्र डा० जी एस बिष्ट व कुलदीप डोबरियाल की सहायता से श्री महन्त इन्द्रेश अस्पताल के आठ चिकित्सकों का दल देहरादून से रिखणीखाल – खाल्यूंडांडा जैसे पथरीले खणजा मार्ग से होते हुये मुस्यखान्द (ग्राम मैरा) पहुंचे और क्षेत्र के ग्राम मैरा, पड़खंडाई, ढंगलगांव, खौल, सुकरौ, भोपाटी, अपोला, बमेडी, थेपगांव, टंडोली, मौन, डुडेरा गांव के लोगों को अपनी निश्वार्थ सेवा से लाभान्वित किया। मैं किन शब्दों से आप सभी का धन्यबाद करूँ कोई वाक्य नहीं मेरे पास, इसीलिये तो कहते हैं कि डाक्टर तो भगवान का रूप हैं जब वे इस तरह जन कल्याण के कार्य करते हैं। ईश्वर से कामना है कि एेसे समाज सेवकों को दीर्घायु रखे और उन्हें ऐसे कार्यों को करने की प्रेरणा देते रहें। ऐसे लोकहित कार्य को सफल बनाने में गाँव वालों का भरपूर सहयोग रहा। और भविष्य में भी सहयोग की कामना करता हूँ।
संपादक – शिक्षक डॉ ऍम पी एस बिष्ट की यह पहल सराहनीय है, यदि इसी तरह के स्वास्थ्य शिविर नियमित अंतराल पर पहाड़ के अलग – अलग गावों में लगते रहें तो एक बड़ा काम सार्थक हो सकता है. इस हेतु समान विचारधारा वाले लोगों को सामने आकर समन्वित प्रयास करने होंगे.