मक्कूमठ मैं राज्य स्थापना दिवस
 
                मनोज रावत
अपने ही बूते पर आगे बढ़ने का संकल्प। 9 नवम्बर को सबकी तरह हमें भी कंही न कंही तो समारोहों में शामिल होना ही था।
हमने चुना केदारनाथ विधानसभा के तुंगनाथ की ओर अंतिम गांव – मक्कू को। बहुत बड़े विमर्श और लक्ष्य नही थे। हम कुछ साथी पत्रकार, पर्यटक, कलाकार, पर्यटन व्यवसायी और स्थानीय लोग एक लक्ष्य के लिए जुटे – केदारनाथ विधानसभा के मक्कू जैसे कही गांवों में पर्यटन बड़े। इसके लिए – होम स्टे योजना को जमीन पर उतारा जाए। विंटर टूरिज्म सुरु हो। जड़ों में भी यात्रियों की चहल-पहल बड़े, दिखे। सारे मेहमान गांव के घरों में रहे, खाना खाया और सुबह प्रेम व सम्मान से उसका तय किराया लिफापे के भीतर आदर से घर के बुजुर्ग के हाथों पकड़ाया। कागजों पर होम – स्टे योजना सालों से चल रही है लेकिन पर्यटन मंत्री, सचिव तो छोड़िए किसी जिले का पर्यटन अधिकारी कोई गांव / घर नहीं बता सकते जंहा पर्यटक, होटल के विकल्प के रूप में घर में रह रहे हों ।
हम केदारनाथ विधानसभा के कुछ गॉवों में “पधान जी” नाम से होम – स्टे सीरीज सुरु कर रहे हैं। पिछले साल हिटो – केदार अभियान में हमने- रांसी, निफ्टर (चौमासी) आदि गांवो में होम – स्टे के प्रयोग को शुरू कराया था। इस साल कुछ दिन पहले इंडियन नेवी के अभियान में भी मक्कू ओर भणज में होम – स्टे कराया। मक्कू में हम राज्य स्थापना दिवस के दिन एक कदम और आगे बड़े। हमारा लक्ष्य है 20 परिवारों के घरों में इस साल कम से कम 100 दिन पर्यटक ठहरें। मक्कू में 50 पर्यटक घरों में आराम से ठहर सकते हैं।
 साथियों में बड़े भाई पत्रकार राजेन्द्र जोशी, गजेंद्र नेगी, चिर घुमकड उदित घिल्डियाल, ईश्वर बिष्ट, दिवाकर गैरोला, कलाकार हेमा नेगी करासी, होटल व्यवसायी ज्योति प्रकाश, फोटोग्राफर मनोज पटवाल, साहसिक पर्यटन से जुड़े धनेन्द्र नेगी, मैगपाई कैम्प के ऑपरेटर दिनेश बजवाल, सारी ओर मक्कू के कुछ कैम्प ऑपरेटर, प्रसिद्ध वर्ड वाचर यशपाल नेगी कुछ पर्यटक जिनमें एक ऑस्ट्रेलिया के अप्रवासी नवतेज सिंह थे खुसी – खुसी घरों में आनंद पूर्वक रहे। सबका अनुभव था कि – होटलों से घरों में रहना अधिक सुखद है।
साथियों में बड़े भाई पत्रकार राजेन्द्र जोशी, गजेंद्र नेगी, चिर घुमकड उदित घिल्डियाल, ईश्वर बिष्ट, दिवाकर गैरोला, कलाकार हेमा नेगी करासी, होटल व्यवसायी ज्योति प्रकाश, फोटोग्राफर मनोज पटवाल, साहसिक पर्यटन से जुड़े धनेन्द्र नेगी, मैगपाई कैम्प के ऑपरेटर दिनेश बजवाल, सारी ओर मक्कू के कुछ कैम्प ऑपरेटर, प्रसिद्ध वर्ड वाचर यशपाल नेगी कुछ पर्यटक जिनमें एक ऑस्ट्रेलिया के अप्रवासी नवतेज सिंह थे खुसी – खुसी घरों में आनंद पूर्वक रहे। सबका अनुभव था कि – होटलों से घरों में रहना अधिक सुखद है।
अब आपको एक हप्ते के लिए कभी भी छुट्टी मनाने का मन करे तो मक्कू आइयेगा। पहाड़ के अपने गांव में। जब दिल्ली और पूरा उत्तर भारत कोहरे की चपेट में होगा – तब मक्कू सहित हमारे गाँवों में चटक धूप होगी। खटाई होगी, कोदे की रोटी – भंजीरे की चटनी होगी और भी समृद्ध भोजन होगा और पास में चोपता – तुंगनाथ व देवरियताल जैसे कई घूमने योग्य स्थल होंगे। साथ में जंहा ठहरेंगे उस परिवार का प्यार होगा। हमने चर्चा भी करी। निष्कर्ष एक था – ” हमें अपने दम पर आगे बढ़ कर प्रगति के कुछ “मॉडल” बनाने हैं “। इन सबको सरकारों ने अभी तक कुछ नही दिया ये सरकारों से कुछ लिए बिना भी आगे बढ़ेंगे। हम गिरेंगे – पड़ेंगे पर लक्ष्य तक पंहुचेंगे।
टिप्पणियां
रमेश पहाड़ी, वरिष्ठ पत्रकार
बुनियादी काम यही हैं। समाज अच्छी व रचनात्मक पहल करे, बजाय सरकार के भरोसे बैठने के। तब सरकार को बाध्य होकर पीछे खड़ा होना पड़ेगा। सरकारों कार्यक्रमों की भारी विफलता के बाद अब लोक पुरुषार्थ को जागृत कर ही कुछ हो सकता है। यह आपने करके भी दिखाया है। इसको आगे बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। अब समय आ गया है कि सरकारों को गलियाने या उनकी गणेश परिक्रमा करने की बजाय जनता को सक्रिय व संगठित कर कुछ नमूने पेश किए जाएं। आपकी सोच व पहल सही दिशा में अग्रसर है। इसमें निश्चित सफलता मिलेगी। शुभकामना।
महावीर जगवान, सामाजिक चिन्तक
सकारात्मक पहल, आदरणीय विधायक जी ने निश्चित बड़ा संदेश दिया है, हम जो भी गाँव के शसक्तीकरण की परिकल्पना करते हैं उसकी पहल हमे सहजता से स्वयं करनी चाहिये। निश्चित रूप से सकारात्मक संदेश जायेगा। थैंक्स ‘चैनल माउण्टेन’ आप के माध्यम से बहुत अच्छी खबर मिली।
नवल खाली पत्रकार व लेख़क
बहुत ही सराहनीय विधायक जी ! आपकी इस पहल से केदारघाटी में एक सकरात्मक ऊर्जा का संचार होगा और शीघ्र ही यह एक ब्रह्द रूप लेगा ! ढेरों शुभकामनाएं ! आपके जज्बे को सलाम !
दिनेश कंडवाल, वरिष्ठ पत्रकार
सराहनीय … विधायक जी। इस् साल मैं भी ऐसा ही कुछ करने जा रहा हूँ अपने गांव में, यमकेस्वर ब्लॉक के साकिलबाड़ी गांव में, जो ऋषिकेश से केवल 27 किमी दूर है राजाजी पार्क के पास।
अंकित गैरोला
बहुत खूब विधायक जी। असल मे राजनीति और राष्ट्रनीति मे फर्क अगर किसी को देखना है तो वो थोड़ा सा आपको फॉलो करे खुद समझ जाएगा।
करमवीर सिंह कुंवर
सराहनीय कदम, जहा सूबे के अन्य मंत्री व जनप्रतिनिधियो ने राज्य स्थापना दिवस पर देरादून मे दावत उड़ा कर खाना पूर्ति की, वही आपके द्वारा धरातल पर कुछ नया करने की कोशिश सराहनीय है, क्युकि हमारे बड़े बुजुर्गो ने ईसी लिये अलग प्रदेश की मांग की थी.
मोहन बिष्ट
क्या बात माननीय विधायक जी इससे बढ़िया स्थापना दिवस कोई मना ही नही सकता। आप जैसे दूरदर्शी व्यतित्व ही ऐसा कर सकता है। देहरादून में तो बड़े 2 नेता जिनको पहाड़ से कोई मतलब नहीं वो मना रहे थे। आपको बहुत 2 धन्यवाद और उनको सलाह जो कभी पहाड़ नही चढे।
लोकेश मिश्रा
सराहनीय कदम. इन्हीं सबके लिये उत्तराखंड बना था. अबतक के हमारे नीति निर्माताओं को ये समझ नहीं आया.
लेख़क केदारनाथ के विधायक हैं

 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        