पक्षी प्रेमी घर लौटे

महावीर सिंह जगवान
बन बनाये रास्तों पर बढना तो आसां होता है।
हिम्मत जज्बा और नित नयाँ करने का आइडिया तो सबमे होता है। लेकिन वे विरले होते हैं जो नये विचार और सोच को अपना लक्ष्य बनाकर ऊँची उड़ान भरते हैं आयें इन्हे भी जाने जिन्हें दुनिया सैल्यूट करती हैं। इनकी सोच नई इबारत लिख रही हैं हिमालयी राज्य मे रोजगार पर्यावरण संरक्षण के नये आयाम गढे रहे हैं। यशपाल नेगी मोनाल और दिनेश नेगी। यशपाल नेगी जनपद रूद्रप्रयाग के ऊखीमठ ब्लाॅक के रहने वाले हैं। बचपन से पक्षियों से प्रेम और पक्षियो के बारे मे जानने के शौक और जुनून ने इन्हे विश्व स्तरीय बर्ड वाचर बनाने के पथ पर बढाया है जो जनपद और प्रदेश के लिये गौरव और सम्मान के साथ प्रेरणा का विषय है। आप विगत पच्चीस वर्षों से अधिक समय से बर्ड वाचर सेंटर, पेइंग गेस्ट हाऊस, ट्रेकिंग और कैम्पिंग करवाते हैं। आपके कुशल ब्यवहार, पक्षियों की पूर्ण जानकारी, उनके प्रवास एवं हिमालयी भू क्षेत्र मे निवास, आतिथ्य सत्कार, पर्यावरणीय प्रभाव की बारीक जानकारियाँ का अदभुत संगम है। यहाँ सालाना एक हजार से अधिक देशी विदेशी पक्षी प्रेमी पहुँचते हैं जो आजीविका के श्रोत, गढवाल हिमालय के पक्षी जगत एवं नैसर्गिक सौन्दर्य के साथ साथ यशवन्त नेगी मोनाल के मुरीद होते हैं यह शंख्या निरन्तर बढ रही है।
दिनेश नेगी जी जनपद रूद्रप्रयाग के ऊखीमठ ब्लाॅक के निवासी हैं। आप बचपन से प्रकृति प्रेमी रहे हैं। अध्ययन के बाद आजीविका की तलास मे पलायन किया महानगरों के पाँच एवं सात सितारा होटलों मे सम्मान जनक जाॅब की, लेकिन सदा अपनी जन्म भूमि की नैसर्गिक सौन्दर्यता अपनी और खींचती रही। बड़ी हिम्मत से घर वापसी का निर्णय लिया, कई दिन अपने जंगलों मे घूमे निर्णय लिया मुझे भी बर्ड वाचिंग कैम्प शुरू करना है और शुरूआत कर दी, कुछ ही सालों मे एक सफल शुरूआत भारत और भारत हे बाहर के कई पक्षी प्रेमी आपसे मिलकर पक्षियों की बारीकी उनके प्रकार उनके प्रत्यक्ष दर्शन कर अभिभूत होते हैं।आप सदैव यहाँ की बनस्पतियों और पक्षियों के साथ पर्यावरण संरक्षण पर बड़ा जोर देते हैं। साथियो इन युवाऔं पहल से भारत ही नही विश्व मानचित्र पर जनपद रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड प्रसिद्ध बर्ड वाचिंग के लिये जाना जाता है। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से अनगिनत लोगों को रोजगार और नई सोच के लिये प्रेरित करता है। विभिन्न राज्यों की पुस्तकों मे इनका बारे मे विस्तृत से जानकारी दी जाती है। आयें मिलकर जब भी समय निकले परिजनों सहित हिमालय और हिमालयी पक्षियों के साथ संस्कृति से रूबरू होने के लिये फुर्सत से कुछ लम्हें इन युवाऔं के संग बिताकर, प्रकृति को करीब से समझने बूझने की पहल करें।आपका प्रवास सौ फीसदी अविस्मरणीय, अन्दाज अपने पन का प्रकति के संग होगा, यहाँ सुकून है, जुनून को सँवारने की शक्ति का श्रोत है, सरकते लम्हों का अहसास है, बार बार लौटने की आस है।