November 23, 2024



ऐसे रुकेगा पलायन

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महावीर सिंह जगवाण


महिन्द्रा मैक्स से सफर मे गुफ्तगू, कुछ दिन पहले रूद्रप्रयाग से दून के सफर मे कुछ पढे लिखे कौशलता से पूर्ण विभिन्न क्षेत्रों मे अपनी शसक्त भूमिका निभा रहे युवा साथियों से मुलाकात हुई।


सबसे बड़ी बात थी यह सभी युवा उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों से ही थे। गाड़ी मे हल्की आवाज मे एक युवा ने कहा उत्तराखण्ड मे सबसे अधिक परेशानी आने जाने की है तब तक दूसरा शख्श कह रहा न समय पर गाड़ी मिलती है और न ही यहाँ की सड़कें अच्छी हैं, इसी बीच एक और युवा कहने लगा यहाँ तो जन्नत है लेकिन, तब तक दूसरा इसकी बात को पूरा करता है इस जन्नत को यहाँ के लोग और यहाँ के नेता सहेजना और प्रचार प्रसार करना नही चाहते, तभी एक युवा कहता है गजब है उत्तराखण्ड मे प्रचार प्रसार मे इतना खर्च कर देते हैं और जमीन मे कुछ भी काम नही होता, तभी एक युवा जो नींद की झपकियाँ ले रहा था और कान को खुला रखकर सब कुछ सुन रहा था तपाक से बोला भाई हम सभी का जन्म स्थान इन पहाड़ों मे ही है लेकिन हम इतना पढने और लिखने के बाद इतनी बड़ी नौकरियाँ कर रहे हैं लेकिन कभी इसे सँवारने की कोई कोशिष की है हमने। यदि हम सँवारने की कोशिष नही करते तो हमे बोलना भी नही चाहिये, इसी बीच एक युवा कहने लगा भाई नौकरी छोड़कर वापस आ जायें, तभी दो लोग एक साथ कहते हैं हाँ यदि हमे एमएन सी की अपेक्षा आधा वेतन के बराबर इनकम हो जाय तो हम तैयार हैं तभी एक अन्य युवा कह रहा है ख्याली सपने मत देखो यहाँ कोई भी अवसर नही हैं और ऊपर से यहाँ के नेता चाहते ही नहीं यहाँ कुछ हो, फिर थोड़ी देर मे मुझसे सवाल किया भाई आप कहाँ के रहने वाले हो मेरा जवाब था गढवाल, बड़े लगाव से पूछा आप रहते कहाँ और करते क्या हो मेरा जबाव था मैं ब्यवसाय, कृषि नर्सरी और पर्यटन का कार्य करता हूँ। सहजता से बोले फिर तो हम मिलकर इस विषय पर चर्चा करते हैं यहाँ क्या हो सकता है और कैसे शुरूआत हो सकती है मै भी सहमत हो गया और उनसे यह निवेदन करते हुये कि हमरा डिस्कस पोजिटिव और श्रृँखलाबद्ध रहेगा यदि एक स्टैप मे कोई भी संसय हो तो सभी मिलकर उसका समाधान करेंगे, हमारी चर्चा को सुनकर ड्राइवर भी प्रसन्न था और आराम से गाड़ी चला रहा था। तभी कुछ युवाऔं ने कहा आप अपनी बात रखो फिर हम उस पर चर्चा बढायेंगे। इस विषय पर बोलने लगा।


युवा साथियो यह अति प्रशन्नता का विषय है आप उच्च शिक्षा ग्रहण कर अच्छी नौकरी कर रहे हैं और ब्यस्ततम होने के वावजूद अपनी जन्मभूमि के शसक्तीकरण और इस पावन भूमि मे कुछ नया करने का विचार रखते हैं यह वाकई गौरव की बात है। पहले विन्दु पर चर्चा करते हैं। हमे अपने काम जिसको जो भी जिस क्षेत्र मे कर रहा है पूर्ण इमानदारी और मेहनत के साथ करना चाहिये। इसके साथ पारवारिक जिम्मेदारियों का शसक्त निर्वहन करना चाहिये। मेरा निवेदन है आप लोग अपनी दिन चर्या मे से बैलेन्स या एक छोटा समय निकालकर जैसे दस मिनट से लेकर तीस मिनट तक का। चौबीस घण्टे मे मात्र आप इसी समय अपनी जन्मभूमि के विषय पर विचार करें। हो सके तो इसकी एक डायरी बनायें। आप दैनिक रूप से समाचार पत्र और समाचार सुनते होंगे ग्रामीण भारत से सम्बन्धित सूचनाऔं और विकास के घटनाक्रमो को पैनी निगाहों से देंखे। यह नियमित क्रम आपको ग्रामीण भारत को समझने मे सहायक होगा। जो भी आपको अच्छा लगता है उसे आप नियमित डायरी मे नोट कर सकते हैं, आज नैट इन्टरनैट की सुविधा है आप पढे लिखे लोग हिमालयी राज्यों की स्थिति और सम्भावनाऔं को अन्तर्राष्ट्रीय परिदृष्य तक खँगाल सकते हैं। आपकी नियमित ब्यय समय जो प्रतिदिन तीस मिनट का था वह छ: महीने साल भर मे नब्बे घण्टे से लेकर एक सौ अस्सी घण्टे का बड़ा समय आपको नियमित रूप से अध्ययन के बलबूते अच्छी जानकारियों से रूबरू करवा देगा।

दूसरा विन्दु आपके पास राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण भारत की स्थिति नये प्रयोग और नई सम्भावनाऔं की पूरी जानकारी हो चुकी होगी अब आपको अपने जन्म स्थान यानि हिमालयी राज्य के पर्वतीय जनपदों की ग्रामीण और जमीनी स्थिति संम्भावनाऔं का विश्लेषण और जमीनी पड़ताल करनी होगी। इस पर भी वही पूर्ववत समय ब्यय होना चाहिये विना किसी फेरबदल कर। तीसरा विन्दु आपके पास अपने गाँव अपने क्षेत्र को बारीकी से समझने और संभावनाऔं का पूरा ब्यूरा है आप जल्द शुरूआत के लिये छट पटा रहे होंगे लेकिन सफलता और नई शुरूआत के लिये बहुत जानकारियों की जरूरत होती है अन्यथा जोखिम का खतरा बढता है। प्राथमिक दो विन्दुऔं के गहन अध्ययन के से आप को अब यह सुनिश्चित करना है कि आप किस क्षेत्र मे बढना चाहते हैं यानि वह कौन सा काम होगा जो आप शुरू करेंगे। अब आप अनगिनत कामो मे से पाँच विशेष कार्यक्षेत्र चुनेंगे जो आपके लिये अवसर का काम कर सकते हैं इन पाँच कार्यों के लिये आपको अध्ययन और प्रयोगात्मक अनुभव तैयार करना होगा। जैसे इसमे से एक काम डेयरी उद्योग है कैसी गाय हो उनके रहने का सैड कैसे और कितनी लागत से बनेगा, चारे और औषधि का प्रबन्धन कैसे होगा, जितनी ऊँचाई पर हम हैं क्या ऐसी कोई जगह है जहाँ सफलता से दुग्ध उत्पादन हो रहा है इसके लिये किताबी ज्ञान के साथ डेयरी मे समय समय पर काम कर बारीक से बारीक जानकारी जुटानी होगी इस परियोजना की छोटी इकाई पर होने वाले खर्च के साथ इसका रिटर्न और प्रबन्धन इन सभी विषयो को बारीकी से जोड़कर फिर छोटी इकाई और धीरे धीरे बड़ी ईकाई की ओर बढा जा सकता है इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों के अवसरों की पड़ताल जरूरी है।


हमारा विशेष निवेदन रहता है पढा लिखा युवा यदि पहाड़ों मे कुछ करना चाहता है तो वह उस विषय की गहनता से जानकारी स्वयं रखे ताकि विपरीत परिस्थितियों मे कौशलता से नियोजन होता रहे। ठीक है आप सभी समझ रहे हैं सभी अति प्रशन्नचित थे कोई नोट कर रहा था और कोई रिकार्डिंग। फिर सभी से पूछा आगें बढें सभी उत्सुकता से कह रहे थे हाँ जरूर। पिछले विन्दु पर हम स्वयं द्वारा स्वयं के लिये पहाड़ों मे सम्भावना पर चर्चा कर रहे थे अब स्वयं द्वारा हिमालयी जनपदों और वहाँ के लोंगो के लिये सम्भावना पर सूक्ष्म चर्चा करते हैं। जैसे पूर्व मे प्रथम विन्दु था प्रतिदिन तीस मिनट उसी तरह प्रतिदिन बीस से पचास रूपये सामर्थ्य अनुशार जमा मातृभूमि कोष के नाम से कर सकते हैं इस प्रकार आपके पास साल भर मे अध्धययन के लिये नब्बे घण्टे और पूँजी के रूप मे सत हजार दो सौ रूपये से लेकर अट्ठारह हजार की पूँजी बचती है। इस समय और आर्थिकी का उपयोग आप कौशलता से कर सकते हैं, जैसे कई बार आप दिल्ली के नजदीक रहकर आजाद पुर सब्जी मण्डी देखते होंगे वहाँ प्रति वर्ष हजारों करोड़ रूपये की कागजी निंबू विकता है जिसका वार्षिक भाव दस रूपये किलो से लेकर पचास रूपये किलो तक रहता है, इसी प्रजाति को आप चिन्हित करें और उत्तराखण्ड सरकार के उद्यान विभाग की योजनाऔं का अध्ययन करें जब भी आपको गाँव आने का समय मिले एक दो दिन गाँव मे सभी के साथ इस बात को साझा करें हम गाँव मे कागजी निम्बू लगाना चाहते हैं आप अपने खेत मे लगायें हम पौध खाद और तरीके आपको उपलब्ध करायेंगे। सभी लोग सहमत हो जायेंगे। अब आपका काम है गुणवत्ता युक्त पौधों की ढूँढ खोज करना यह सब इन्टरनैट से विश्वसनीय संस्थाऔं से संपर्क कर या राज्य सरकार की योजनाऔं मे सम्मलित होकर किया जा सकता है। पौध उपलब्धता और उसके वृक्षारोपण पर बड़ी हेरदेख की जरूरत है आप गाँव के सभी परिवारों के साथ मिलकर अपनी जमीन पर भी वृक्षारोपण कर सकते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तीन वर्षों मे बढिया फसल देने लगते हैं जब इसका उत्पादन हो नजदीकी बाजार मे न्यूनतम मूल्य पर इसे बेचने की शुरूआत हो जाय जैसे ही उत्पाद करेन्शी मे कन्वर्ट होगा और अधिक लगाव औरअधिक प्लाण्टेशन का इच्छा प्रबल होगी जैसे दस पेड़ों से लाभ वयस्क होने पर दो हजार से पाँच हजार तक होगा उसी प्रकार पचास से सौ पौधों से लाभ बढेगा। लेमन पल्प को बड़ी बड़ी नमकीन कम्पनियाँ भी खरदती हैं और इसका जूस एवं आचार के साथ नये बाजार और अवसर हैं। आप बहुत कम समय और शूक्ष्मतम ब्यय से नये अवसरों की बाढ लाने की सामर्थ्य रखते हैं। चलो अच्छी बात रही चार पाँच घण्टे का सफर रचनात्मक और सकारात्मक संवाद मे गुजरा सभी ने आपस मे फोन नम्बर साझा किये और हार्दिक शुभकामनाऔं के साथ शुभयात्रा कहकर यह भी निश्चित किया फिर कभी जरूर मिलेंगे आज के दिन को जरूर महत्वपूर्ण बनायेंगे इन्ही शब्दों के साथ सभी अपने अपने गन्तब्यों के लिये बढ गये। यात्रा के संवाद की सार्थकता प्रेरक लगी इसलिये भी सभी सुधी मित्रों के साथ साझा कर रहा हूँ इसी आशा और विश्वास के साथ हमारा शूक्ष्म समय शूक्ष्म सामर्थ्य और सकारात्मक संवाद एक शसक्त शुरूआत की ओर छोटे लेकिन मजबूत कदम बढा सकते हैं।

लेखक युवा सामाजिक चिन्तक एवं समाजसेवी हैं